राष्ट्रीय विधि आयोग ने आज तीन अहम मुद्दों को लेकर बैठ की. इनमें सबसे अहम ‘एक देश एक चुनाव’ का मुद्दा रहा. सूत्रों के मुताबिक बैठक में बताया गया है कि ‘एक देश एक चुनाव’ के लिए अंतिम दस्तावेज़ तैयार करने में कुछ और समय लगेगा और इसके बाद अन्य बैठकें करनी होंगी. बैठक में बताया गया कि इसके लिए कुछ संवैधानिक संशोधनों की भी आवश्यकता है. हालांकि रिपोर्ट जल्द सौंप दी जाएगी. 22वें लॉ कमीशन के चैयरमैन ऋतु राज अवस्थी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पोक्सो एक्ट के तहत सहमति से यौन संबंध बनाने की सीमा 18 साल से घटाकर 16 साल करने और ऑनलाइन एफआईआर से जुड़े दिशानिर्देश बनाने को लेकर भी चर्चा की गई.
बता दें कि राष्ट्रीय विधि आयोग ने एक देश एक चुनाव को लेकर एक ड्राफ्ट पहले ही तैयार कर लिया था, जिसे अब अंतिम रूप देना बाकी है. 21वें विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बीएस चौहान ने भी एक देश एक चुनावको लेकर एक रिपोर्ट तैयार की थी. रिपोर्ट में बताया गया था कि इसे लागू करने से पहले जमीनी स्तर पर बड़ी तैयारी करनी होगी. इसके लिए सभी राजनीतिक दलों का साथ आना भी बेहद जरूरी है. एक देश एक चुनावपर अंतिम अनुशंसा किए जाने से पहले ही 21वें विधि आयोग का कार्यकाल समाप्त हो गया
चर्चा में फिर एक देश एक चुनाव का मुद्दा
देश में एक बार फिर एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर चर्चा शुरू हो गई है. इस मुद्दे पर 23 सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाले पैनल ने अपनी पहली बैठक की थी. इस बैठक में समिति के सदस्य केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गुलाम नबी आजाद, पंद्रहवें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष सी कश्यप और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल हुए थे.
समिति जल्द से जल्द सरकार से सिफारिश करेगी
एक देश एक चुनाव पर केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के बाद तैयार की गई समिति की ओर से रिपोर्ट सौंपे जाने को लेकर कोई समय सीमा तय नहीं की गई है. हालांकि समिति ने अपना काम शुरू कर दिया है. समिति की ओर से राजनीतिक दलों से बातचीत शुरू कर दी गई है और विधि आयोग से सुझाव मांग जा रहे हैं. ऐसे में उम्मीद है कि समिति जल्द से जल्द सरकार से सिफारिश करेगी.